मंगल की जननी
पुराणों के अनुसार उज्जैन अवंतिका नगरी को मंगल ग्रह की जननी कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी जन्म कुंडली में मंगलग्रह अशुभ रहता है, जन्मकुण्डली में 1, 4, 7, 8, 12 इन भागों में मंगल ग्रह रहता है, तो मांगलिक दोष होता है व अनिष्ट मंगल ग्रह की शांति के लिए यहाँ पूजा-पाठ होता है । उज्जैन इनका जन्म स्थान होने के कारण यहाँ की पूजा को खास महत्व दिया जाता है । मंगल ग्रह की उत्पत्ति विश्व के मध्य भाग में व कर्क रेखा पर हुई है, जिसे आज मंगलनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है । यह मंदिर सदियों पुराना है । 1980 में सिंधिया राज घराने से इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया था एवं सन् 2016 में सिंहस्थ योजना में केंद्र शासन द्वारा पुनः निर्माण हुआ।