भात पूजा

भात पूजा-मंगल ग्रह शिव पुत्र मंगल उग्र अंगारक स्वभाव के हैं । मंगल ग्रह की शांति के लिए ब्रम्हाजी, ऋषियों, मुनियो, देवताओ एवं मनुष्यों ने सर्व प्रथम पंचाम्रत अभिषेक के बाद दही और भात का लेपन किया था । दही और भात

दोनो ही पदार्थ ठंडा होता है, जिससे मंगल ग्रह की उग्रता की शांति होती हैं । इसका कारण इनका अति महत्व है । मंगलगृह अंगारक एवं कुजनाम से भी जाने जाते हैं । मेष एवं वृश्चिक राशि के स्वामी है । मंगल ग्रह का वर्ण लाल है ।

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