महामृत्युंजय मंत्र – उज्जैन अवंतिका नगरी में कालो के काल महाकाल रहते हैं । महामृत्युंजय का जप महाकाल वन में करने से विशेष प्रकार की उर्जा एवं विशेष प्रकार का आशीर्वाद प्रदान होता है ।
84 महादेवो तक का क्षेत्र महाकाल वन कहलाता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जप कष्ट रोग एवं अकालमृत्यु को टालने के लिए किया जाता है । महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है ।
महामृत्युंजय जप की संख्या सवा लाख होती है।
अच्छि आयु के लिए महामृत्युंजय पूजन निम्न प्रकार से की जाती है ।
महामृत्युंजय पूजन में शिव परिवार पर पंचाम्रत अभिषेक किया जाता है, उसके पश्चात रुद्राभिषेक का अतिमहत्व होता है, जिससे दिर्घ आयु एवं निरोगी आयु प्रदान होती है ।